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चूड़धार मंदिर का इतिहास Churdhar temple history in hindi

  प्रकृति की गोद में बसे हिमाचल प्रदेश में तमाम तीर्थस्‍थल हैं। जिनके दर्शनों के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इन्‍हीं में से एक बेहद खास तीर्थ स्‍थान है सिरमौर जिले में। यहां दर्शन के लिए देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं। इस स्‍थान की अपनी अलग ही महत्‍ता है। आइए जानते हैं कौन सा है यह स्‍थान और क्‍या है इसकी महत्‍ता..                     सिरमौर का ‘शिरगुल महराज’ मंदिर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में सबसे ऊंची चोटी चूड़धार को ही शिरगुल महराज के नाम से जाना जाता है। चोटी पर ‘शिरगुल महराज’ मंदिर की भी स्‍थापना की गई है। इन्‍हें सिरमौर और चौपाल का देवता माना जाता है। यह मंदिर प्राचीन शैली में बना है, जिससे इसके स्‍थापना काल का पता चलता है। यहां वर्ष भर सैलानियों का तांता लगा रहता है। इस देवस्‍थान को ट्रैकिंग के लिए भी जाना जाता है। भगवान शिव ने ऐसे की अपने भक्‍त के प्राणों की रक्षा शिरगुल महराज मंदिर को लेकर पौराणिक कथाओं में शिव भक्‍त चूरु और उनके बेटे का जिक्र मिलता है। कथा के अनुसार चूरु अपने पुत्र के साथ इस मंदिर में दर्शन के लिए आया था । उसी समय अचानक एक बड़ा सा स

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